महाशिव शिवरात्रि
को ज्योतिषशास्त्र में बहुत ही शुभ दिन माना गया है। इस पर सोने पर
सुहागा यह है कि महाशिवरात्रि के दिन पंचग्रही योग के साथ शिव योग बना
है। ऐसा संयोग 18 साल के बाद हुआ है। इस साल महाशिवरात्रि के दिन
धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। धनिष्ठा नक्षत्र और सोमवार के योग से शुभ नाम का
योग बनता है जो पूरे दिन रहेगा। इस दिन स्थिर राशि कुंभ
में सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र और केतु पांच ग्रह मिलन करेंगे। पांच
ग्रहों का यह योग महाशिवरात्रि पर चारों प्रहर की पूजा करने वाले शिव
भक्तों को स्थिर लक्ष्मी और आरोग्यता प्रदान करने वाला है।
सिंह
राशि में स्थित गुरु एवं राहु की युति चांडाल योग बना रही है। इसके पहले
1980 में चांडाल योग में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया गया था। यह योग अच्छा
नहीं होता है लेकिन शिव योग होने के कारण किसी प्रकार का अशुभ योग
प्रभावी नहीं होगा। इस साल एक बड़ा संयोग यह है कि महाशिवरात्रि सोमवार के
दिन है ऐसा संयोग बहुत ही शुभ माना जाता है।
शास्त्रों के
अनुसार ऐसे संयोग में महाशिवरात्रि का व्रत करना अश्वमेध यज्ञ का फल देने
वाला है। शिव कृपा से धन लाभ की इच्छा रखने वालों को इस दिन गन्ने के रस
से शिव का अभिषेक करना चाहिए। सुख शांति की इच्छा रखने वालों को दूध
से शिव का अभिषेक करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार शिव की पूजा काले
तिल से करने से पापों का प्रभाव दूर होता है।
source:अमर उजाला
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