सीकर। मंगल ग्रह पर
जीवन है या नहीं इस पर वैज्ञानिक रिसर्च में जुटे हैं। वहीं नासा के एक
प्रोग्राम के तहत दुनियाभर के कुछ लोगों के नाम मंगल ग्रह पर पहुंचाए गए
हैं। इनमें सबसे खास रहे राजस्थान के सीकर जिले के लाखनी गांव के एक ही
परिवार के नौ लोगों के नाम।
जानिए कैसे हुआ इस फैमिली का सिलेक्शन...
- लाखनी गांव के जयप्रकाश बिजारनियां ने नासा के इस प्रोग्राम के बारे में अखबार में पढ़ा।
- अखबार में मार्स पर नाम भेजने की बात पढ़ कर उन्होंने अपने परिवार के कुल 17 लोगों का नाम भेज दिए।
- जिसके लिए नासा ने 31 अक्टूबर 2014 तक आवेदन मांगे थे। जिसके लिए लाखों में आवेदन आए।
- नासा द्वारा सभी नामों की सूची को माइक्रो चिप के जरिए ओरियन अंतरिक्ष यान में मंगल ग्रह पर भेजा गया।
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नासा का दावा है की जिन लोगों का नाम यान के जरिए भेजा गया है। भविष्य में
उन्हें भी 'मिशन टू मार्स' प्रोग्राम के जरिए मंगल ग्रह पर भेजा जा सकता
है।
- आवेदन के दौरान ही ओरियन प्रोग्राम मैनेजर मार्क गेयर ने इस बात की घोषणा की थी।
- इसके लिए नासा द्वारा बोर्डिंग पास भी जारी किया गया।
कौन है आवेदन करने वाले जयप्रकाश
- जयप्रकाश रसायन विज्ञान के लेक्चरर हैं और एक प्राइवेट कॉलेज में पढ़ाते हैं।
- जयप्रकाश ने बताया कि उनके परिवार के नौ सदस्यों के नाम चयनित किए गए हैं, जो उनके लिए खुशी व गर्व की बात है।
विश्व रिकॉर्ड का दावा
मंगल पर पहुंचे इनके नाम
माइक्रोचिप के जरिए परिवार के जिन सदस्यों के नाम मंगल ग्रह पहुंचे। उनमें किशनाराम, पतासी देवी, बनारसी देवी, नागरमल, सागरमल, राजेन्द्र, जयप्रकाश, कमलेश व महेन्द्र शामिल है। इसके अलावा दो रिश्तेदार इन्द्रा व रामसिंह कलवानियां का चयन योजना के तहत हुआ है।
source:dainikbhaskar
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